लेखनी - प्रकृति..
प्रकृति...
कितना खूबसूरत रिश्ता है ना,
प्रकृति का हमारे साथ,
हर कदम पर रखती ख्याल हमारा,
इसकी और क्या दें मिसाल,
पेड़, पौधे, पर्वत और नदियां,
जंगल, और इनमे चहकती लाखों चिडियां,
जीवन संचालन का असरदार मंत्र है,
मजबूत कड़ियों से जुड़ा प्रकृति का तंत्र है,
मानव कृत्यों का अब
घुल रहा है इसमें जहर,
इसीलिए, अपनी ममता बिसार,
बढ़ रहा है, प्रकृति का कहर,
कह रही है जैसे,
संभल जाओ मेरे बच्चों,
अपना नही तो,
अपने बच्चों के भविष्य के बारे में ज़रा सोचो।।
✍️स्वरचित:-
प्रियंका वर्मा
28/8/22
Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Sep-2022 09:39 PM
शानदार सृजन
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shweta soni
31-Aug-2022 12:02 PM
Behtarin rachana
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Gunjan Kamal
29-Aug-2022 01:20 AM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌
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